Monday, June 21, 2010

"याद नहीं"

मै कहाँ कतल हुआ,याद नहीं
कौन कातिल है मेरा,याद नहीं
दिल में उतरी के जिगर में उतरी
वो थी क्या तेज़ अदा,याद नहीं
याद है के बिजली सी लहराई थी
आशियाँ किसका जला,याद नहीं
कतरा कतरा लहू का दरिया
कौन कब डूब गया,याद नहीं
मै था और वो थी सामने मेरे
अब और इसके सिवा कुछ याद नहीं

Friday, June 18, 2010

किसकी तलाश में !!!!

मिलता हूँ रोज़ खुद से मै बस आइने में, फिर गुज़रती है ज़िन्दगी खुद की ही तलाश में
कभी दूसरों की ख़ुशी में कभी अपनी की आस में,बस गुज़रती है ज़िन्दगी हर वक़्त तलाश में
सुना था रब है बस्ता इसी जहाँ में हर जगह,पर देखा जिसे भी मैंने वो था कुछ और ही तलाश में
गज़ब है यह दुनिया मैंने तो पाया यही,देखा खुदा को खुद यहाँ बन्दों की तलाश में
कोई डूबा था गरूर की दुनिया में,कोई डूबा था दौलत के नशे में
कहाँ से मिलता प्यार यहाँ,मै क्यों था प्यार की तलाश में
ख्वाहिशों को ज़ब्त कर जीवन बसर किया,"रोहित" इतना सफ़र किया फ़क़त दो गज कफ़न की तलाश में

Saturday, June 12, 2010

"सोचा न था"

कभी सोचा ना था, मेरी मंजिल के इतने रास्ते होंगे !
मगर उन राहों पर ना चलने के कुछ वास्ते होंगे !!
सुना था अपनों की अपनों से बे - वफाई को मैंने !
मगर सोचा न था के, इतने भयानक हादसे होंगे !!
मिला था जीने का मकसद तेरे आने से जीवन को !
मगर सोचा न था, हम बर्बाद तेरे ही हाथ से होंगे !!
कैसी यह तड़प है ? आज ना तू पूछ "रोहित" से !
तेरे ही दर्द हैं यह,ठीक भी तेरी याद से होंगे !!

Thursday, June 10, 2010

"विकास सिंगला"

यह क्या खबर थी के मुकदर बिग्र्ड़ने वाला है
आँगन किसी के प्यार महौबत का उजड़ने वाला है
अटूट रिश्ते भी टूटे है आइय्नो की तरह
ज़मी पर कहर वफाओं का पड़ने  वाला है
किसे खबर थी के जो हस के मिला है बहुत
कुछ ही दिनों में वो हम से बिछड़ने वाला है
यह दुनिया काफीला है आने जाने वालो का
इक तेरी मौत से एय - रोहित, किसे फरक पड़ने वाला है
महक ले लो इस खिल खिलाते फूल की तुम
यह गुल भी शाम को डाली से झड़ने वाला है