Sunday, August 14, 2011

"मै कौन हूँ ?"

मै कौन हूँ ? यूं खुद से लड़ता क्यों हूँ ?
मुझे जब इल्ह्म ही नहीं बड़े हो के रहने का
तो फिर मै तमीज का पाठ पड़ता क्यों हूँ ?

मै कौन हूँ ? यूं हर पल मरता क्यों हूँ ?
कितनी साँसे किसकी लिखी है बाकी, यह तो खुदा जाने
मै फिर इस हिसाब में पड़ता क्यों हूँ ?

मै कौन हूँ ? यूं सहमता, यूं डरता क्यों हूँ ?
मेरा ही देश है और मै ही यहाँ महफूज़ नहीं
करता हूँ तो डरते हुए कुछ भी अच्छा करता क्यों हूँ ?

मै कौन हूँ ? यह सवाल खुद से करता क्यों हूँ ?
फिर दूरीयों ने जगह बनायीं है अपनों की अपनों के बीच
यह सबब जानता हूँ, तो फिर इतनी ऊँचाईया चदता क्यों हूँ ?

मै कौन हूँ ? खुद से लड़ता क्यों हूँ ?
सोचता तो हूँ के कुछ बुरा देख के रुक जाऊं
इक पल में ही भुला के मै आगे बढता क्यों हूँ ?

जब जीना ही है सब ने खुद में ही मसरूफ रह के
तो फिर मै "रोहित" तेरी परवाह करता क्यों हूँ ?
जानता हूँ के साँसों का हिसाब खुदा का है लेकिन,
फिर अपनों की जुदाई से मै डरता क्यों हूँ ?

Tuesday, August 9, 2011

जुदा हो गया, कैसा खुदा हो गया !!

मै तो उनसे मिलने से पहले ही जुदा हो गया,
ना-जाने वो कहाँ किस दुनिया का खुदा हो गया !!
मुझे तो बे-वफ़ा कह क इक किनारा कर दिया ,
वो तो बा-वफ़ा था,फिर क्यों गुमशुदा हो गया !!
आज सफ़र भी समंदर के किसी मंज़र से कम नहीं,
कश्ती तूफ़ान के मझधार में है,और ना-खुदा सो गया !!
क्या बात करू आज मै हैरत की तुझ पे सितमगर,
सोच अलग है,सोचने का अंदाज़ जुदा हो गया !!
खुदा ने कहा मै मिलाऊँगा तुझे "रोहित" , ना हो उदास
वो दिन है क तब से ना जाने कहाँ खुदा ही खो गया !!
हर वक़्त कतल होता हूँ,हर वक़्त जी उठता हूँ
जैसे क अब बीता वक़्त ही मेरा खुदा हो गया !!
चला था मै तो घर से दो दिलों के मिलन को,
और आज मै खुद,खुद से ही जुदा हो गया !!