Tuesday, August 9, 2011

जुदा हो गया, कैसा खुदा हो गया !!

मै तो उनसे मिलने से पहले ही जुदा हो गया,
ना-जाने वो कहाँ किस दुनिया का खुदा हो गया !!
मुझे तो बे-वफ़ा कह क इक किनारा कर दिया ,
वो तो बा-वफ़ा था,फिर क्यों गुमशुदा हो गया !!
आज सफ़र भी समंदर के किसी मंज़र से कम नहीं,
कश्ती तूफ़ान के मझधार में है,और ना-खुदा सो गया !!
क्या बात करू आज मै हैरत की तुझ पे सितमगर,
सोच अलग है,सोचने का अंदाज़ जुदा हो गया !!
खुदा ने कहा मै मिलाऊँगा तुझे "रोहित" , ना हो उदास
वो दिन है क तब से ना जाने कहाँ खुदा ही खो गया !!
हर वक़्त कतल होता हूँ,हर वक़्त जी उठता हूँ
जैसे क अब बीता वक़्त ही मेरा खुदा हो गया !!
चला था मै तो घर से दो दिलों के मिलन को,
और आज मै खुद,खुद से ही जुदा हो गया !!

2 comments:

  1. if i say beautiful... i wont be doing justice to this piece of heart which has explained a lifetime of pain in a few words. Amazing Rohit! me speechless

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  2. Crying for all those moments which i missed and still not getting for which i left everyone.

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