Sunday, February 23, 2014

"दिल हर हाल लग जाता है"

कभी जवाब चुभन देते हैं, तो कभी सवाल लग जाता है
कभी किसी का खामोश रहना ही कमाल लग जाता है।

दिल के बन जाने में लग जाती है उम्र यूँ तो
और बिखरता है आईने सा , जब कोई ख्याल लग जाता है।

जब भी तेरी यादें देती हैँ दिल के वीरानों पे दस्तक
इस तन्हाईओं के शहर में भी बवाल लग जाता है।

इतना शोर है दिल-ए-शहर में ,और फुर्सत है नहीं इसे
फिर क्यों खालीपन का इसे ही मलाल लग जाता है।

इक बार लगादे खुद को तू, उसी की राह पे "रोहित "
फिर कैसी भी हो दुनिया , दिल हर हाल में लग जाता है ।।

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